मुकेश बिस्सा की हिंदी कविताएँ: ज़िन्दगी, तन्हाई और ख्वाहिशों की गहराई
1. ज़िन्दगी क्या है ज़िन्दगी…कोई आसान सवाल नहीं,हर जवाब के पीछे एक नया सवाल लिए चलती है। कभी मुस्कुराहट की वजह बन जाती है,तो कभी अश्कों में भीगती चुप्पी बन जाती है। कभी बचपन की उंगलियाँ थामे चलती है,तो कभी अधूरी ख्वाहिशों में उलझ जाती है। ज़िन्दगी…एक सफ़र है — बिना नक़्शे के,जहाँ हर मोड़ […]
मुकेश बिस्सा की हिंदी कविताएँ: ज़िन्दगी, तन्हाई और ख्वाहिशों की गहराई Read More »