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नवरात्रि शॉट्स – “समवेदना” कविताएँ और प्रेरणादायक अभिव्यक्तियाँ

Navratri Writing Challenge

Day 6 में हमारे #NineDaysNineMuses चैलेंज का विषय है समवेदना। ये कविताएँ दर्शाती हैं कि कैसे स्त्री का हृदय करुणा, संवेदनशीलता और धैर्य का प्रतीक बनकर दुनिया को शक्ति और सुकून देता है।


1. समवेदना की माया

महसूस कर पीड़ा किसी की,
शब्द बुन उतरें जेहन में।
मन का दर्पण बने भावों की छाया,
संवेदना में बसती है नारी की माया।

मृदुस्पर्श से हर घाव को सहला दे,
पर वेदना को अपनी कहला दे।
है कोमल, पर भीतर से दृढ़ता की मिसाल,
चाँदगामिनी, फिर भी सहज चाल।

संवेदना उसकी शक्ति भी, पहचान भी,
नारी – एक भाव, एक स्पंदन, एक गान।।

डॉ. आभा माहेश्वरी


2. संवेदनाओं की गहराई

संवेदनाओं की गहराई में उतर,
मन भावुक होता रहा स्त्री को लेकर।
जो रिश्तों को सहेजती रही,
परिस्थितियाँ जैसी भी आयीं,
अकेले उनसे निबटती रही।

टूट गई बस अपनों से ही,
शब्दों की मार झेलती रही।
आँसू भर आँखों में संवेदनाएँ मरती रहीं।
ज़िंदगी से लड़ने वाली,
अपनों से हारती रही।

मीनाक्षी जैन


ये कविताएँ हमें याद दिलाती हैं कि समवेदना केवल करुणा नहीं, बल्कि एक गहरी शक्ति है जो नारी को भीतर से दृढ़ और बाहर से कोमल बनाती है।

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