Day 5 में हमारे #NineDaysNineMuses चैलेंज में पेश है सहनशीलता। ये कहानियाँ और कविताएँ दिखाती हैं कि कैसे धैर्य, संयम और मानसिक मजबूती से जीवन की चुनौतियों को पार किया जा सकता है।
1. सहनशीलता का गुण
सहनशीलता का गुण जब अपनाया,
अपने आवेग संवेग पर नियंत्रण पाया।
विनम्रता और क्षमा भाव स्वयं ही आई।
ईष्ट वियोग, अनिष्ट योग में सहनशीलता दिखाई।
अपनी भूलों को जब सहज स्वीकार किया,
प्रतिरोधात्मक शक्ति का विकास किया।
सभी को समझने की कोशिश की,
तत्काल किसी बात पर प्रतिक्रिया करने से डरी।
— मीनाक्षी जैन
2. सहनशीलता का सागर
सहनशीलता का सागर माँ।
धैर्य, दया की है गागर माँ।
नहीं मात सम कोई दूजा,
नारी जीवन जैसे पूजा।
जब-जब संकट जग को घेरे,
हरती तब-तब तमस घनेरे।
नवल रोशनी हृदय में भरती,
पीर दूर सब हँसकर करती।
त्याग, तपस्या, धैर्य अनूपा,
आध्या चित्रा शान्त स्वरूपा।
मात ममत्व सुधारस प्याला,
आदिशक्ति माँ काल कराला।
शरण मात के जो भी जाए,
नाव भँवर से पार कराए।
शूलधारिणी शक्ति अपारा
जये जया गूँजे जयकारा।
— शशि लाहोटी
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