नवरात्रि के हमारे #NineDaysNineMuses सफर के Day 9 में हम मनाते हैं आनंद।
सच्चा आनंद भव्यता या दौलत में नहीं, बल्कि जीवन के छोटे-छोटे पलों में, प्रकृति, दया और दूसरों की मदद में छिपा होता है।
नीचे प्रस्तुत कविताएँ और कहानियाँ इसी सच्चे और सरल आनंद की भावना को दर्शाती हैं।
छोटे-छोटे पल
बड़ी-बड़ी खुशियों के इंतजार में
छोटी-छोटी खुशियों को न खोना,
आनंद है अपने मन के अंदर ही,
क्यों इसके लिए बेवजह ही रोना।
प्रकृति के कण-कण में आनंद अपार है,
नयनाभिराम छटा लाती बहार हैं,
सूर्य की रोशनी मन को सुकून दे,
साँसों को राहत दे पुरवा बयार है।
बच्चों की किलकारी से आनंद मिले,
मुरझाए मन में खुशियों के पुष्प खिले,
मदद कर दूसरों का आनंदित हो ये मन,
जैसे जीवन के हर पल को भरपूर जी लें।
— रूचिका राय
जीवन में आनंद
जीवन में आनंद जो चाहो,
चिंता छोड़ निश्चिंतता लाओ।
परिस्थितियों का यथार्थ बोध करें।
प्रतिकूलता को सहज स्वीकृति दें।
जो होता है सो ठीक का चिंतन करें,
प्रतिफल की सोचे बिना कर्म करें।
अनावश्यक शक्ति का अपव्य न करें,
सही दिशा में सोचें और जियें।
विशाद नहीं, आनंद से जियें।
— मीनाक्षी जैन
आत्मा का आनंद
आनंद की खोज में भटका यहाँ वहाँ,
दिग्भ्रमित सा हो रहा जाऊँ कहाँ-कहाँ।
रवि रश्मियों ने उजाले की राह दिखाई,
तो चाँद ने अंधेरे में रोशनी की किरण दिखाई।
पर्वतों ने शिखरों की ओर इंगित किया,
नदियों ने सागर की ओर, जहाँ था उर्मियों का शोर।
आकाश के मौन ने प्रश्न कई पूछे,
पूछा सितारों से पर जवाब कोई न सूझे।
दुनिया का हर कोना ढूंढा पर कहीं आनंद न पाया,
अंतर को आलोकित करने, अंतर ने मार्ग दिखाया,
जलाके दीपक सत्यम् शिवम् का, लौटा मन के घर में,
ज्ञान प्रकाश की ज्योति जली जब, हुआ आनंदम् घर में।
— रुचि असीजा “रत्ना”
सच्चा आनंद वह है जो शांति, सरलता और दूसरों की भलाई में मिलता है।
नवरात्रि का यह संदेश हमें याद दिलाता है कि खुशी छोटे-छोटे पलों में है।
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