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भारतीय ऋतुओं का सौंदर्य और सांस्कृतिक महत्व

seasons india

संशोधित पाठ:

ऋतु परिवर्तनशील कालखंड है। पृथ्वी की सूर्य परिक्रमा, दिन की अवधि, तापमान, वर्षा, और आर्द्रता चक्रीय रूप में बदलती रहती हैं। इस चक्रीय फेरबदल का प्रभाव पारितंत्र पर पड़ता है। पश्चिम बंगाल में जुलाई से सितंबर तक वर्षा ऋतु होती है। पश्चिम बंगाल में जुलाई से अक्टूबर तक अधिक वर्षा होती है। इसी प्रकार, तमिलनाडु में मार्च से जुलाई तक ग्रीष्म ऋतु होती है। तमिलनाडु में मार्च से जुलाई अपेक्षाकृत गर्म रहते हैं और अक्टूबर से दिसंबर तक वर्षा होती है।

हिन्दुस्तान में परंपरागत रूप से मुख्यतः छह ऋतुएं होती हैं।
विभिन्न त्योहारों की श्रृंखला इन अलग-अलग ऋतुओं में मनाई जाती है। वसंत ऋतु फरवरी से मार्च तक, ग्रीष्म ऋतु मार्च से जून तक, वर्षा जुलाई से सितंबर तक, शरद ऋतु अक्टूबर से नवंबर तक, हेमंत ऋतु दिसंबर से जनवरी तक, और शिशिर जनवरी से मार्च तक होती हैं।

छह ऋतुओं में से चैत (चैत्र) साल का पहला महीना माना जाता है। मान्यता है कि ब्रह्मा ने चैत मास की शुक्ल प्रतिपदा से दुनिया की रचना शुरू की थी। भारत में मौसम मेहमान और इंसान मेजबान होते हैं। ‘अतिथि देवो भवः’ की परंपरा के अनुसार, मौसम के स्वागत की तैयारी जोर-शोर से होती है।

मौसम परिवर्तन के नजारे घर की तैयारियों से झलकते हैं। जैसे ही मौसम बदलता है, पूरे घर की व्यवस्था बदल जाती है। लोग इन मौसमों को पूरी तरह जीते और अनुभव करते हैं। हर मौसम का स्वागत भारतीय दिल से करते हैं।

वसंत ऋतु: ऋतुराज वसंत

चैत्र (मार्च-अप्रैल) वसंत ऋतु का समय होता है। इसे ऋतुओं का राजा कहा जाता है। भारतीय परिवेश में वसंत को सबसे सुंदर ऋतु माना जाता है। इस ऋतु में प्रकृति नवीन रूप धारण कर चहकती है। नई कोपलें फूटती हैं, वृक्ष और लताएं नव श्रृंगार करती हैं। शाखों पर चिड़ियां फुदकती हैं और कोयल व पपीहा संगीत की स्वर-लहरियां बिखेरते हैं। महिलाओं द्वारा वसंतोत्सव मनाया जाता है। वसंतपंचमी पर पीले परिधान पहनकर पीले मीठे चावल बनाए जाते हैं। इस ऋतु में सरस्वती पूजा भी होती है।

ग्रीष्म ऋतु: यात्रा और फलों की बहार

जेठ और आषाढ़ (अप्रैल-जून) ग्रीष्म ऋतु का समय होता है। भारतीय लोग गर्मियों को पसंद करते हैं क्योंकि यह छुट्टियों का समय होता है। इस मौसम में आम, तरबूज, खरबूजा, लीची, और संतरे जैसे फलों की भरमार होती है। खीरा और ककड़ी जैसे ठंडक देने वाले फल दिलो-दिमाग को तर कर देते हैं। लोग पर्वतीय क्षेत्रों में यात्रा करते हैं। रमज़ान के पूरा होने पर ईद का त्योहार भी इसी दौरान मनाया जाता है।

वर्षा ऋतु: धान की बुवाई और हरियाली

अषाढ़ और सावन (जून-अगस्त) वर्षा ऋतु का समय है। यह महीना धरती की प्यास बुझाता है। पेड़-पौधे नहा-धोकर हरे-भरे हो जाते हैं। मेंढकों की टरटर और मोर का नृत्य वातावरण को आनंदित कर देता है। बच्चे कीचड़ में खेलते हैं और कागज की नाव बनाते हैं। खेतों में धान की बुवाई होती है और महिलाएं कजरी गाती हैं।

शरद ऋतु: सर्दी की आहट

भादो (अगस्त-अक्टूबर) शरद ऋतु का समय है। हवा में हल्की ठंडक और नमी होती है। आसमान साफ और नीला दिखाई देता है। इस ऋतु में राखी, जन्माष्टमी, गणेश चतुर्थी, और नवरात्रि जैसे त्योहार मनाए जाते हैं।

हेमंत ऋतु: दीपों का पर्व

हेमंत ऋतु अक्टूबर से दिसंबर तक रहती है। इस समय दीपावली और क्रिसमस जैसे त्योहार मनाए जाते हैं। ठंड बढ़ने लगती है और गर्म कपड़ों की जरूरत महसूस होती है। हेमंत ऋतु सर्दियों की सब्जियों जैसे गोभी, मटर, और पालक के लिए प्रसिद्ध है।

शिशिर ऋतु: वसंत की आहट

शिशिर ऋतु दिसंबर से फरवरी तक रहती है। इसे शीत ऋतु भी कहते हैं। फरवरी में सर्दी घटने लगती है और वसंत की आहट सुनाई देने लगती है। तमिलनाडु में पोंगल त्योहार जनवरी में मनाया जाता है।

समापन

इन छह ऋतुओं में हर भारतीय के जीवन में रस और रंग भरने की क्षमता है। हर ऋतु की अपनी विशेषता और सुंदरता है। यही वजह है कि ये ऋतुएं भारतीय परंपरा का अभिन्न हिस्सा हैं।

– उमा नटराजन

Writer

लेखिका परिचय:

डॉ. उमा नटराजन, अंग्रेजी साहित्य में एम.ए. (ग्वालियर विश्वविद्यालय से) की डिग्री धारक, एक समर्पित शिक्षिका और प्रतिष्ठित कवयित्री हैं। आपने अपने करियर में उच्च माध्यमिक स्तर पर अंग्रेजी और हिंदी भाषाओं को पढ़ाने का कार्य किया, विशेष रूप से कॉन्वेंट स्कूलों में।

आपके साहित्यिक योगदान में अंग्रेजी और हिंदी दोनों भाषाओं में कविताएँ शामिल हैं। अब तक आपने 18 अंग्रेजी कविताओं की पुस्तकें और 2 हिंदी कविताओं की पुस्तकें स्वयं-प्रकाशित की हैं। आपकी लेखनी का असर विभिन्न साहित्यिक मंचों और समूहों पर साफ देखा जा सकता है, जहाँ आप नियमित रूप से कविताएँ और लेख साझा करती हैं।

आपकी रचनाएँ कई प्रतिष्ठित पत्रिकाओं और वेबसाइटों पर प्रकाशित हुई हैं। लेखन में आपके अनुभव और समर्पण ने आपको साहित्यिक जगत में एक विशिष्ट पहचान दिलाई है।

डॉ. उमा नटराजन: शब्दों के माध्यम से विचारों को जीवंत करने वाली एक प्रेरणादायक हस्ती।

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