- बसंत का महीना आते ही बदलाव स्पष्ट दिखने लगता है।
सर्दी कम होने लगती है, और हवा गुनगुनी-सी हो उठती है। जो दिन ठिठुरते हुए कटते हैं, बसंत की आहट पाते ही वही मन आनंद से भर उठता है। चारों तरफ धरती रंग-बिरंगे फूलों से सज जाती है। प्रकृति अपने नियम से चलती है—नए पत्तों की कोंपलें फूटने लगती हैं, और नंगे पेड़ों पर हरियाली लौटने लगती है। तन-मन में नई उमंग जगती है, और जीवन में नयापन महसूस होने लगता है।
बसंत ऋतु का स्वागत करने का अर्थ है—स्वास्थ्य और तंदुरुस्ती को अपनाना। इस ऋतु में सही आहार और दिनचर्या अपनाने से रोग दूर भाग जाते हैं और तन-मन ताजगी से भर जाता है। - मौसम के बदलने के साथ हमें अपनी जीवनशैली में भी कुछ बदलाव लाने चाहिए। शरीर को इस परिवर्तन के लिए तैयार करना ज़रूरी है। इस समय रंग-बिरंगे फूलों की तरह हमारी सेहत भी खिली-खिली होनी चाहिए। सही खानपान और दिनचर्या अपनाने से हम इस ऋतु का भरपूर आनंद उठा सकते हैं।
- ठंड के बाद सूर्य की किरणें नई ऊर्जा लेकर आती हैं। खेतों में सरसों के फूल लहराने लगते हैं, और प्रकृति में नई उमंग जाग उठती है। ऐसे समय में हमारे आहार में भी बदलाव आना चाहिए। मौसम के अनुसार सही भोजन सेहत के लिए लाभकारी होता है।
इस ऋतु में हमें अपने खानपान और सेहत पर विशेष ध्यान देना चाहिए। गर्मी और उमस के कारण जुकाम व एलर्जी बढ़ सकती है, इसलिए उचित सावधानी बरतनी आवश्यक है। व्यायाम, टहलना, योग आदि से शरीर को सक्रिय रखना चाहिए। साथ ही, मौसम के अनुसार फलों और हरी सब्जियों का सेवन करना सेहत के लिए फायदेमंद होता है।
इस मौसम में पालक, मेथी, गाजर, मूली, मटर जैसी हरी सब्जियां और नींबू का सेवन करना लाभकारी होता है। बाजरा और अन्य पत्तेदार सब्जियां शरीर के लिए पोषक तत्वों का अच्छा स्रोत हैं। इनमें लौह तत्व और विटामिन की प्रचुर मात्रा होती है, जो हमें स्वस्थ रखते हैं।
संतुलित आहार और सही जीवनशैली अपनाने से बसंत ऋतु हमारे जीवन में नई ऊर्जा और ताजगी भर सकती है। इसलिए इस मौसम का पूरा आनंद लें और अपनी सेहत का ध्यान रखें।
आप बसंत ऋतु में अपनी सेहत को बनाए रखने के लिए कौन-से आहार और दिनचर्या अपनाते हैं? कमेंट में हमें बताएं! 😊💚
Image Courtesy: by Couleur via Pixabay
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– मीनाक्षी जैन

लेखक परिचय: मीनाक्षी जैन
- जन्म स्थान – दिल्ली
- शिक्षा – दिल्ली
- योग्यता – क्लिनिकल साइकोलॉजी में ग्रेजुएशन
मीनाक्षी जैन ने विदेशी सामाजिक संस्थाओं के साथ मिलकर भारत के दूर-दराज़ गांवों में पेंटोमाइम के माध्यम से शिक्षा से जुड़े कई कार्यक्रमों में भाग लिया। उन्होंने दूरदर्शन पर भी अपनी प्रस्तुतियाँ दीं।
इनकी लेखनी समाज, संस्कृति और मानवीय भावनाओं की गहरी समझ को उजागर करती है।
इनकी रचनाएँ न केवल पाठकों को सोचने पर मजबूर करती हैं, बल्कि जीवन के विभिन्न पहलुओं को एक नए दृष्टिकोण से देखने का अवसर भी प्रदान करती हैं। इनके कार्यों में गहरी विचारशीलता और संवेदनशीलता झलकती है, जो पाठकों को प्रेरित करती है।