माँ के हाथों बुना स्वेटर: यादें, प्रेम और एहसास

पिंकी और सुधा दोनों गाढ़ी सहेलियां थीं। एक दूजे के बिना तो मानो उनका दिन कटता ही नहीं था। उन्हें देखकर कोई नहीं कह सकता था कि ये दोनों अलग-अलग घरों से हैं।वे दोनों कॉलेज में भी साथ-साथ ही दिखाई देती थीं। अगर कोई एक कॉलेज न गई, तो दूसरी शाम होते-होते खबर लेने उसके […]

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